" माँ " को समर्पित कविता
हम फूल है चमन के,
माँ बागवान है |
हम अगर Star है गगन के,
तो माँ आसमान हैं |
माँ वो अमृत है,
जिसे पीके कोई भी प्यासा नहीं...
माँ बागवान है |
हम अगर Star है गगन के,
तो माँ आसमान हैं |
माँ वो अमृत है,
जिसे पीके कोई भी प्यासा नहीं...