तुम्हारा मेरे जीवन में आना
तुम्हारा मेरे जीवन में आना,
जैसे एक तीखी धूप के बाद सांवली,
सुनहली सी कोई शाम .....
फिर मुझे स्मरण ही नहीं होता,
उस कहर का जो धूप ने बरसाया,
मैं ठहर जाती हूँ, उस शाम में ..
जहाँ बस मैं,
तुम और
सुकून है !!
© काल्पनिक लड़की
जैसे एक तीखी धूप के बाद सांवली,
सुनहली सी कोई शाम .....
फिर मुझे स्मरण ही नहीं होता,
उस कहर का जो धूप ने बरसाया,
मैं ठहर जाती हूँ, उस शाम में ..
जहाँ बस मैं,
तुम और
सुकून है !!
© काल्पनिक लड़की