...

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कहानी हर घर की
सुबह उठ कर बच्चे को नींद से उठाना होता है
उसके बाद उनको एक ग्लास दुध का पिलाना होता है

नींद से उठने का मन नहीं करता है फिर भी
सासु माँ के लिए कप में चाय लगाना होता है

अपना झाड़ू पोछा करके पति को नींद से जगा के
उनके प्याले से एक घूंट चाय का चखना होता है

फिर आराम कहा होता है सारा दिन खड़े हो कर
काम वाली बाई को दिन का काम बताना होता है

दिन भर किचन में खड़े हो कर दिन का खाना
और कपडो के साथ बिस्तर व कमरा सजाना होता है

थक मार के जैसे तैसे रोज का काम करने बाद
दिन में एक झपकी भी सोफ़े में लदारना होता है

और फिर बच्चों के स्कूल के आने के बाद उनके
लिए दिन का खाना खाना खिला के उठाना होता है

शाम की चाय के साथ उनके साथ खेल के बाद
उनके टेबल पे होमवर्क के लिए भी बैठाना होता है

जैसे तैसे करके रात का खाना बनाने के बाद भी
बच्चो को रात में खाना खिला के सुलाना होता है
© kk