इशारा कर गया...❤️❤️✍️✍️( गजल)
मेरी झोपडी में कोई शरारा कर गया
हर शख्स फिर मुझसे किनारा कर गया
(*शरारा -चिंगारी)
पहली गलती मान कर माफ किया उसे
वो बेवफाई मेरे साथ दुबारा कर गया
मेरा घर बच रहा था जलने से 'सत्या'
वो हवाओं को उस तरफ इशारा कर गया
दुनिया तो पहले ही छोड़ चुकी है मुझे
अब लगता खुदा भी बेसहारा कर गया
अब कौन देगा मुझे वफाओं का ग्रीश
वो प्यार की गाड़ी को खटारा कर गया
एक रोज तो याद करेगी वो भी मुझे
एक शख्स मर मर के गुजारा कर गया
कितने खुश थे लोग मोहब्बत से पहले
ये प्यार सब लोगों को बेचारा कर गया
© Shaayar Satya
हर शख्स फिर मुझसे किनारा कर गया
(*शरारा -चिंगारी)
पहली गलती मान कर माफ किया उसे
वो बेवफाई मेरे साथ दुबारा कर गया
मेरा घर बच रहा था जलने से 'सत्या'
वो हवाओं को उस तरफ इशारा कर गया
दुनिया तो पहले ही छोड़ चुकी है मुझे
अब लगता खुदा भी बेसहारा कर गया
अब कौन देगा मुझे वफाओं का ग्रीश
वो प्यार की गाड़ी को खटारा कर गया
एक रोज तो याद करेगी वो भी मुझे
एक शख्स मर मर के गुजारा कर गया
कितने खुश थे लोग मोहब्बत से पहले
ये प्यार सब लोगों को बेचारा कर गया
© Shaayar Satya