इन्तज़ार
उनके इन्तज़ार मैं हमने बरस बिता दिऐ।
पर जब वो सामने आऐ तो
हम नजरें भी न मिला पाऐ।।
उनका यू आगे बड़ना
दिल की धड़कने तेज़ कर गया।
उनकी वो मन्द मन्द मुसकान
दिल को बेचैन कर रही थी।
और हमारी मजबूरी ऐसी
की हम पलके भी न उठा पा रहें थे।।
वो पलके जिन्हें उनके इन्तज़ार में
बिछाऐ...
पर जब वो सामने आऐ तो
हम नजरें भी न मिला पाऐ।।
उनका यू आगे बड़ना
दिल की धड़कने तेज़ कर गया।
उनकी वो मन्द मन्द मुसकान
दिल को बेचैन कर रही थी।
और हमारी मजबूरी ऐसी
की हम पलके भी न उठा पा रहें थे।।
वो पलके जिन्हें उनके इन्तज़ार में
बिछाऐ...