सुन जरा...
कहती है क्या ये गुल बहार ये खुशबू, एहसासों में इनके नजाकत बसी है।
और कहना चाहता है ये मदमस्त दिल तुमसे, धक धक धड़कनों तुम्हारी चाहत छुपी है,
कि थोड़ा संभल कर करना इश्क, कहीं मेरे होकर न रह जाओ,
और गिरोगे कैसे नही तुम हमारे प्यार में,
हमारे...
और कहना चाहता है ये मदमस्त दिल तुमसे, धक धक धड़कनों तुम्हारी चाहत छुपी है,
कि थोड़ा संभल कर करना इश्क, कहीं मेरे होकर न रह जाओ,
और गिरोगे कैसे नही तुम हमारे प्यार में,
हमारे...