कहीं कोई,,,
कोई खामोश बैठा है, किसी ने शोर मचाया है,,
आज फिर कोई रोया है,किसी ने रुलाया है,,
ख्वाहिशें बिखरी हैं,,किसी के ख्वाब टूटे हैं,,,
किसी ने नए ख्वाबों को आंखों में सजाया है,
कहीं...
आज फिर कोई रोया है,किसी ने रुलाया है,,
ख्वाहिशें बिखरी हैं,,किसी के ख्वाब टूटे हैं,,,
किसी ने नए ख्वाबों को आंखों में सजाया है,
कहीं...