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जब मैं छोटा बच्चा था funny poem in Hindi
जब मैं छोटा बच्चा था funny poem
जब मैं छोटा बच्चा था
मन का मैं सच्चा था
मुंह से झूठ ही बोलता था
नंगा मैं नहाता था
किसी से नहीं शरमाता था
फैशन की तरफ ध्यान नहीं देता था
कपड़े उतार कर फेंक देता था
मोहल्ले में नंगा घूमता रहता था
दुकान पर मैं जाता था
किस्मी टॉफी लाता था
फिर अपने भाई बहन को दिखा दिखा कर खाता था
गिलास में सुसु करता था
भूत से मैं थोड़ा डरता था
और खेल खेल में हर रोज शादियां करता था
NOTE -: अगर आप लड़का हो तो मुझे अपना छोटा भाई समझ के फॉलो कीजिए और अगर लड़की हो तो अपना छोटा, नन्ना, मुन्ना भाएफ्रेंड समझ कर फॉलो कीजिए धन्यवाद🤣🤣
अगर आपको कविता बढ़कर जरा सी भी हंसी आई हो जान थोड़ा भी मजा आया हो तो प्लीज लाइक कर दीजिए और कमेंट कर दे अपने बचपन के बारे में कोई ऐसी बात जो मैंने कविता में नहीं लिखी हो और साथ ही साथ फॉलो भी कर दीजिए और मुझे यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर दीजिए sourav Sharma ke jokes आप सबका दिल से धन्यवाद
© joke creator sourav sharma
जब मैं छोटा बच्चा था
मन का मैं सच्चा था
मुंह से झूठ ही बोलता था
नंगा मैं नहाता था
किसी से नहीं शरमाता था
फैशन की तरफ ध्यान नहीं देता था
कपड़े उतार कर फेंक देता था
मोहल्ले में नंगा घूमता रहता था
दुकान पर मैं जाता था
किस्मी टॉफी लाता था
फिर अपने भाई बहन को दिखा दिखा कर खाता था
गिलास में सुसु करता था
भूत से मैं थोड़ा डरता था
और खेल खेल में हर रोज शादियां करता था
NOTE -: अगर आप लड़का हो तो मुझे अपना छोटा भाई समझ के फॉलो कीजिए और अगर लड़की हो तो अपना छोटा, नन्ना, मुन्ना भाएफ्रेंड समझ कर फॉलो कीजिए धन्यवाद🤣🤣
अगर आपको कविता बढ़कर जरा सी भी हंसी आई हो जान थोड़ा भी मजा आया हो तो प्लीज लाइक कर दीजिए और कमेंट कर दे अपने बचपन के बारे में कोई ऐसी बात जो मैंने कविता में नहीं लिखी हो और साथ ही साथ फॉलो भी कर दीजिए और मुझे यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर दीजिए sourav Sharma ke jokes आप सबका दिल से धन्यवाद
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