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अब भी यूँ तो मरे नहीं पर
अब भी यूँ तो मरे नहीं पर
पहले जैसे बचे नहीं पर
वो खुश था बस इसीलिए हम
पहरों रोये, लड़े नहीं पर
चलना चाहा बग़ैर तेरे
कोशिश की फिर चले नहीं पर
सारी दुनिया बची पड़ी थी
तुझसे आगे बढ़े नहीं पर
माँ की सूरत नज़र में आयी
मरना चाहा मरे नहीं पर
सोचा नफ़रत से भर लें खुद को
भरना चाहा भरे नहीं पर
© Lekhak Suyash
#lekhaksuyash
पहले जैसे बचे नहीं पर
वो खुश था बस इसीलिए हम
पहरों रोये, लड़े नहीं पर
चलना चाहा बग़ैर तेरे
कोशिश की फिर चले नहीं पर
सारी दुनिया बची पड़ी थी
तुझसे आगे बढ़े नहीं पर
माँ की सूरत नज़र में आयी
मरना चाहा मरे नहीं पर
सोचा नफ़रत से भर लें खुद को
भरना चाहा भरे नहीं पर
© Lekhak Suyash
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