हसीं रात
क्यों करते हो इतनी जल्दबाज़ी सनम,
गहरी होने दो थोड़ी अभी रात सनम,
दौर लंबा चलेगा इश्क़ का दरमियान,
ज़रा काबू...
गहरी होने दो थोड़ी अभी रात सनम,
दौर लंबा चलेगा इश्क़ का दरमियान,
ज़रा काबू...