मुस्कुराकर जब मैंने देखा उसे.....✍
मुस्कुराकर जब मैंने देखा उसे,
तो मुझे देखकर वो भी मुस्कुरा दी,
चंद लम्हों की मुलाकात में,
आँखों ही आँखों में सारी कहानी सुना दी,
फिर जब किसी बात पे मायूस हुआ मैं,
तो मुझे देखकर वो भी मायूस हो गयी,
मेरे माथे की शिकन में जो लकीरें थी,
मानो उन लकीरों में ही, गुमसुम सी कहीं खो गई,
फिर किसी बात पे खिलखिलाया मैं,
तो वो भी खिलखिला दी,
सहमें - सहमें से जो नाम पूछा उसका,
तो जिंदगी बताया उसनें,
आज आईने में मेरे अक्स ने,
मुझे जिंदगी मिला दी,,,,,,
© 𝙽𝚒𝚜𝚑𝚊𝚗𝚝 𝙶𝚊𝚛𝚐.....✍
तो मुझे देखकर वो भी मुस्कुरा दी,
चंद लम्हों की मुलाकात में,
आँखों ही आँखों में सारी कहानी सुना दी,
फिर जब किसी बात पे मायूस हुआ मैं,
तो मुझे देखकर वो भी मायूस हो गयी,
मेरे माथे की शिकन में जो लकीरें थी,
मानो उन लकीरों में ही, गुमसुम सी कहीं खो गई,
फिर किसी बात पे खिलखिलाया मैं,
तो वो भी खिलखिला दी,
सहमें - सहमें से जो नाम पूछा उसका,
तो जिंदगी बताया उसनें,
आज आईने में मेरे अक्स ने,
मुझे जिंदगी मिला दी,,,,,,
© 𝙽𝚒𝚜𝚑𝚊𝚗𝚝 𝙶𝚊𝚛𝚐.....✍