एक गहरी सोच!
है ये रात गहरी
है ये अरदास गहरी
जो निकली है दिल से
वो बात गहरी
मिलना है उससे
ये आवाज गहरी।
अब है ये दूरी उससे
जाने क्यों खफा हुईं मुझसे
है ये उम्मीद गहरी
उसकी सुगंध है हवा में बहरी
वो आएगी...
है ये अरदास गहरी
जो निकली है दिल से
वो बात गहरी
मिलना है उससे
ये आवाज गहरी।
अब है ये दूरी उससे
जाने क्यों खफा हुईं मुझसे
है ये उम्मीद गहरी
उसकी सुगंध है हवा में बहरी
वो आएगी...