...

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"रहो ना साथ मेरे"
रहो ना मेरी परछाई की तरह।
इस समुद्र के किनारों की तरह।।

सोचो कितनी दूरी थी।
समझो कितनी मजबूरी थी।।

रख सका ना तुमको पास।
चाहकर भी इतने दिल के पास।।

आज मिले हो कितने बरसो के बाद।
ना करो मुझसे इनकार की बात।।

रहो ना मेरी परछाई की तरह।
इस समुद्र के किनारों की तरह।।


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