...

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quarantine life
ना कभी सोचा था कि ऐसा भी एक वक़्त आएगा
जब जिंदगी का चरखा अचानक से थम जाएगा
अपना अपने से दूर भागेगा, कल्पना थी तुमको कभी
जिस वायु को जीवन माना, उसी की श्वास में घुटने लगे सभी


कितनो से भविष्य दिखलाया था
पर ऐसे संकट का तो न दिया था किसी ने भी कोई संकेत
जीवन का बहाव तो लगता है जैसे रुक सा गया
बह रही है तो बस अब समय की रेत


सड़कों पर पग रखने तक की भी भूमि न थी
अब शमशान मना रहा शोक वही
जिस धरती पर जन्म लेना था सौभाग्य मानव का
अब जन्म पर मना रहा मातम वही


नहीं सोचा था ऐसा भी वक्त आएगा
लगा था जिंदगी का चरखा तो बस घूमता ही चला जाएगा
अपनों से दूर क्यों जाना है, कल्पना ही क्यों करते कभी
जिस वायु ने जान है फूँकी, क्या उसी से घुट सकते थे लोग सभी।

-abhiv_90