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मेरी मम्मी - For Hosteler 🤱
माँ, तेरी गोद में सुकून था बसा,
तेरे हाथों की रोटी में प्यार था कसा।
बचपन की लोरी, तेरी वो बातें,
अब भी दिल में सजीव सी लगती हैं रातें।

तेरी ममता की छांव, वो प्यारी निगाहें,
हर मुश्किल में बिन कहे समझ जाती राहें।
तेरे हाथों की वो चाय, सर्दियों का सहारा,
तेरे बिना हर खुशी लगता है अधूरा।

बचपन की यादें, वो तेरे संग हँसना,
तेरे बिना अब वो वक़्त लगता है सपना।
तू थी तो दुनिया एक सजीव कहानी थी,
माँ, तेरे बिना ये ज़िंदगी वीरानी थी।
बचपन की लोरी, तेरी वो बातें,
अब भी दिल में सजीव सी लगती हैं रातें।

तेरी साड़ी की खुशबू, वो नरम स्पर्श,
हर कदम पर तेरा आशीर्वाद का आदर्श।
जीवन की हर राह तुझसे ही सीखी,
मेरी मम्मी, तू ही मेरी पूरी दुनिया थी।

© Hiten Biswal

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