...

1 views

मैं समझ सकती हूं...!
मैं समझ सकती हूं...!

मैं समझ सकती हूं
तुम्हारी जिम्मेदारिया और किसी कारण तुम्हारे सपनो का कुचला जाना..!
पर इसीलिए मेरी जान. क्या तुम समझ पाओगें ? मेरे लिए सबसे आगे मेरे सपनों का होना...?

मैं समझ सकती हूं
अपनी सारी जिंदगी तो तुमने आपनो के लिए लगा दी है, मैं क़दर करती तूम्हारे सबके लिए जीने के जज्बे को,
पर तुम चाहोगे क्या मेरे साथ हँसना ओर मेरे कंधे पर सर रख दिल खोल कर रोना...?

मैं समझ सकती हूं
मैं समझती हूं दुःख के खोज मैं बुद्ध का घर से दूर हो जाना, और उनका एक महान सत्य को खोजना..
पर क्या तुम समझ पाओगे खुदके तलाश में मेरा अकेले ही कही दूर चले जाना...?


मैं समझ सकती हूं
दिल दुःखता है ना तुम्हारा भी मेरा घुटघुटकर जीने से...! मैं समझ सकती हूं एहमियत तुम्हारी और जानती हूं तुम शुक्रगुजार हो मेरे होने से..! पर क्या यशोधरा के जैसे तुम भी संभाल लोगे घर मेरे दूर चले जाने से..?


मैं समझ सकती हूं
मैं समझ सकती हूं पुरुष होकर भी तुम्हरे स्वभाव का कोमल होना
पर मेरी जान क्या तुम समझ पाओगे मेरा कठोर होना...!

मैं समझ सकती हूं
मैं समझ सकती हूं तुम्हारा निरलकर होना...! शायद हमेशा मेरे लिए हमेशा तयार रहना।
पर क्या तुम भी कभी जान पाओगे मेरा इन आभूषणों मैं खुट खुटकर जीना...!

अगर तूम यह सब समझ सको मेरी जान..!
तो स्वागत है तुम्हारा
क्योंकि मैं समझ सकती हूं वो सभी
जो शायद तुम कभी केहे नही पाओगे।
यही तो
प्रेम है, इश्क है, इबादत है
प्रेम है, इश्क है, इबादत है

सोनाली अहिरे
#kasturi_mann