...

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akhri safar
आज मेरे कदमों को आराम चाहिए,
अब ना कोई सफ़र ना कोई थकान चाहिए
ये सफ़र मुझसे शुरू होकर मुझपे ही खत्म हुआ
अब ना कोई हमराज ना कोई हमसफ़र चाहिए..
इरफ़ान शेख
© सूफ़ी लफ्ज़