...

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गुलाबी शहर
दूर दराज अपना गांव छोड़कर जयपुर शहर चले आये,
हजारों ख्वाब है इस शहर का मेरे दिल मे,
चलो यह भर्म भी दिल में पालते हैं।
गुलाबी शाम , गुलाबी सुबह, गुलाबी शहर सब तेरे होठो की याद दिलाते हैं।
पहाड़ पर किले, हवामहल कि खिड़किया, जलमहल ओर इस शहर की खुशबू मेरी जहन में बस गई है।
हम आये थे अपना शहर छोड़कर तेरी याद भुलाने को,
गुलाबी शहर छोड़ते हुए हम एक ओर नया गम साथ लेकर जाते हैं।
तुझसे बिछड़ते वक्त मेरी आँखें नम ना थी,
गुलाबी शहर को छोड़ते वक्त मेरी आँखों में पानी और चेहरा लाल हो रहा है© Verma Sahab