जिंदगी का रहस्य
कभी बचपन, कभी जवानी को देखा है।
हर पल बढ़ती हुई जिंदगानी को देखा है।।
माया की इस नगरी में कुछ ठहरता नही है।
फिर भी इंसा को निरंतर आपाधापी में देखा है।।
हर पल बढ़ती हुई जिंदगानी को देखा है।।
माया की इस नगरी में कुछ ठहरता नही है।
फिर भी इंसा को निरंतर आपाधापी में देखा है।।
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