दिल से दिल तक
दिल से दिल तक
ना जाने ये कैसा एहसास हुआ है
दिल से रूह तक बेहाल हुआ है
ढूंढा जिसे दर दर मैने
वो आज मेरे रूबरू हुआ है
कपटी ढोगी नही सन्यासी मुझे नाम दिया है
शान्ति और धैर्य से प्यार हुआ है ...
ना जाने ये कैसा एहसास हुआ है
दिल से रूह तक बेहाल हुआ है
ढूंढा जिसे दर दर मैने
वो आज मेरे रूबरू हुआ है
कपटी ढोगी नही सन्यासी मुझे नाम दिया है
शान्ति और धैर्य से प्यार हुआ है ...