मेरे राम
भंवर में मैं फसी हूं करो मेरा निदान,
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
कोई न है मेरा इस जगत में
तू ही तो हैं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
अंधेरा है ये घना दिखाई दे रहा कुछ न
अपने इस बालक को पार करो मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया...
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
कोई न है मेरा इस जगत में
तू ही तो हैं मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया क्यों मुख फेर लिया मेरे राम।
अंधेरा है ये घना दिखाई दे रहा कुछ न
अपने इस बालक को पार करो मेरे राम
ऐसा मैंने क्या किया...