एक फरेब: प्यार के शक्ल में
हाथों में गुलाब देख उसे आशिक समझ बैठे
होठों से अपना नाम सुन ग़ालिब समझ बैठे!
उनके लफ़्ज़ों पे न जाने क्यों अपना दिल गवां बैठे
फकत एक वफ़ा के नाम पे अपना सब लुटा बैठे!!
अब होता नहीं मोहब्बत दुनिया की...
होठों से अपना नाम सुन ग़ालिब समझ बैठे!
उनके लफ़्ज़ों पे न जाने क्यों अपना दिल गवां बैठे
फकत एक वफ़ा के नाम पे अपना सब लुटा बैठे!!
अब होता नहीं मोहब्बत दुनिया की...