मेरी लेखनी
कभी ख्वाबों का जहान लिखती हूं
कभी आसमान की उड़ान लिखती हूं
मैं जिस सख्स से मिलती हूं
उससे जुड़ी वारदात लिखती हूं
मैं खुद को समझने की थोड़ी
अपनी कमियां लिखती हूं...
कभी आसमान की उड़ान लिखती हूं
मैं जिस सख्स से मिलती हूं
उससे जुड़ी वारदात लिखती हूं
मैं खुद को समझने की थोड़ी
अपनी कमियां लिखती हूं...