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मेरी लेखनी
कभी ख्वाबों का जहान लिखती हूं
कभी आसमान की उड़ान लिखती हूं
मैं जिस सख्स से मिलती हूं
उससे जुड़ी वारदात लिखती हूं
मैं खुद को समझने की थोड़ी
अपनी कमियां लिखती हूं
कभी दूसरों को हंसाने की वजह लिखती हूं
मैं दुनिया में लोगों की कमियां भी लिखती हूं
तो कभी सभी की बरबादी का कारण भी लिखती हूं
मैं अक्सर जिस दर्द से गुजरती हूं
मैं उसकी जुबानी लिखती हूं
पर फिर भी मैं खुद को हर तरह से हारा हुआ लिखती हूं
___पल्लवी......
कभी आसमान की उड़ान लिखती हूं
मैं जिस सख्स से मिलती हूं
उससे जुड़ी वारदात लिखती हूं
मैं खुद को समझने की थोड़ी
अपनी कमियां लिखती हूं
कभी दूसरों को हंसाने की वजह लिखती हूं
मैं दुनिया में लोगों की कमियां भी लिखती हूं
तो कभी सभी की बरबादी का कारण भी लिखती हूं
मैं अक्सर जिस दर्द से गुजरती हूं
मैं उसकी जुबानी लिखती हूं
पर फिर भी मैं खुद को हर तरह से हारा हुआ लिखती हूं
___पल्लवी......
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