प्रेम का पर्याय हो तुम
अधरों पे ठहरी मीठी मुस्कान लिए तुम
मेरे कल्पनाओं की दुनिया में रहने वाले तुम
मेरे मौन को समझने वाले
जैसे मैं काया और परछाई हो तुम
मेरे मन की माला...
मेरे कल्पनाओं की दुनिया में रहने वाले तुम
मेरे मौन को समझने वाले
जैसे मैं काया और परछाई हो तुम
मेरे मन की माला...