...

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चंद लम्हे खुशी के हैं
चंद लम्हे खुशी के हैं
उसमें भी कुछ प्यादे हैं
दूर रहती हैं वह लेकिन
उसकी मुझ में यादें हैं

सवेरा निकल आया
लगती वह तारे हैं
झिलमिलाती तस्वीर उसकी
चारों तरफ ढ़ेर सारे हैं

जिधर देखती हूं उन्हीं को पती हूं
वह कितनी सारे है
सितम सादगी रौनके उसकी
ओढ़ के नैनों में हम हारे हैं

यह बुनियाद उसकी
यादों में अपने को पछाड़े है
प्रदेश की वह प्यारी गुड़िया
ख्वाब में जग तारे है...