...

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एक पहर
बस इतनी सी मेहर करदे,
साथ चल मेरे,खूबसूरत ये सफ़र करदे।।

अर्से गुजारे है मैंने अंधेरी झोपड़ी में,
एक दिया जलाकर उसे घर करदे।।

असर कुछ करती ही नहीं मेरी दुआ,
तू ही करके देख, शायद कुछ असर करदे।।

जानता हूं तुम कल का वादा नहीं कर सकती,
पर इतना तो आज भर करदे।।

पूरी गजल मांगी भी किसने है,
बस पूरी एक बहर करदे।।

भले मेरी सांसे छीन लेना,
बस मेरे नाम अपना एक पहर करदे।।

© @badnamLadka