'ना' सुनना सीख लो तुम
क्या थी मेरी कसूर, क्या थी मेरी किस्सा,
कल जो मेरा सब कुछ था वह सब चीन लिया मुझसे ...
पहले, मैं हस्ती थी, वह हंसाता था:
मोहब्बत की तलाश उस पर खतम हुआ।
मैंने उसे दिल से चाहा।
सोचा था प्यार की दुवा कबूल हो गई
मिट जाएगा वह तनहाई जो मेरे साथी थी
पर...
वो सिर्फ एक धोखा था
सिर्फ मेरे वेहम थी
हकीकत ने मुझे आइना दिखाय
उस्का नज़र बूरा था
बावरी थी मैं उससे प्यार कर बैठा
जिसे उसकी कोई कतिर नहीं था
उसने मेरी चेहरा जला दिया
वजह ये थी कि मैंने 'ना' बोला
'ना' सुनने का हिम्मत भी नहीं था उस में
तब मैं समझ गई की मेरे प्यार
एक तरफ़ा ही थी।
उसे पता नहीं था कि वह
केवल मेरी चेहरा थी
मेरे वजूद को छू नहीं सका वह
बुज़दिल। ये है उसका प्यार?
ये ज़िद था जो सब मिटाना जानते हैं
गिरफ्तार हो गई थी
मैं उस कैद में-
जहाँ सिर्फ अँधेरा था
जो गाव तुमने मुझे दिया था
मिट जाएगा कुछ दिन बाद
पर, मेरा दिल जो टूटा है, वह न जुडेगा कभी।
उनसे निकला खून आंसु बनकर बह
जाता है
तकलीफ मुझे हुई है
फिर भी लोगों के तानों के कीचड़ मुझ पर गिरते हैं
क्यों मेरी किरदार पर बार-बार सवाल उठते हैं
कहाँ है मेरी इज्जत?
झूठ उसने बोला।
भरोसा उसने तोडा।
फिर भी मैं ही क्यों?
सारी दुनिया क्यों मुझे घूरते हैं?
गुणा सहनेवाली गुणेकार बन गयी है।
एक पल के बदले के वजह से-
पूरी जिंदगी बरबाद कर दी।
मैं हारी नहीं
मुझे उठकर खड़ा होना ही है
हवा के साथ बादलों में उड़ना है।
© Akhila Jayadevan
risefromworries# rayofhope #RealityofLife
कल जो मेरा सब कुछ था वह सब चीन लिया मुझसे ...
पहले, मैं हस्ती थी, वह हंसाता था:
मोहब्बत की तलाश उस पर खतम हुआ।
मैंने उसे दिल से चाहा।
सोचा था प्यार की दुवा कबूल हो गई
मिट जाएगा वह तनहाई जो मेरे साथी थी
पर...
वो सिर्फ एक धोखा था
सिर्फ मेरे वेहम थी
हकीकत ने मुझे आइना दिखाय
उस्का नज़र बूरा था
बावरी थी मैं उससे प्यार कर बैठा
जिसे उसकी कोई कतिर नहीं था
उसने मेरी चेहरा जला दिया
वजह ये थी कि मैंने 'ना' बोला
'ना' सुनने का हिम्मत भी नहीं था उस में
तब मैं समझ गई की मेरे प्यार
एक तरफ़ा ही थी।
उसे पता नहीं था कि वह
केवल मेरी चेहरा थी
मेरे वजूद को छू नहीं सका वह
बुज़दिल। ये है उसका प्यार?
ये ज़िद था जो सब मिटाना जानते हैं
गिरफ्तार हो गई थी
मैं उस कैद में-
जहाँ सिर्फ अँधेरा था
जो गाव तुमने मुझे दिया था
मिट जाएगा कुछ दिन बाद
पर, मेरा दिल जो टूटा है, वह न जुडेगा कभी।
उनसे निकला खून आंसु बनकर बह
जाता है
तकलीफ मुझे हुई है
फिर भी लोगों के तानों के कीचड़ मुझ पर गिरते हैं
क्यों मेरी किरदार पर बार-बार सवाल उठते हैं
कहाँ है मेरी इज्जत?
झूठ उसने बोला।
भरोसा उसने तोडा।
फिर भी मैं ही क्यों?
सारी दुनिया क्यों मुझे घूरते हैं?
गुणा सहनेवाली गुणेकार बन गयी है।
एक पल के बदले के वजह से-
पूरी जिंदगी बरबाद कर दी।
मैं हारी नहीं
मुझे उठकर खड़ा होना ही है
हवा के साथ बादलों में उड़ना है।
© Akhila Jayadevan
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