...

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एक हल्की सी मुस्कराहट अपनी
हां कई दफ़ा सुना है मैंने लोगों को
पुराने बीते समय के लिए रोते हुए
अगर सोचो ना कि अच्छा था
तो यार रोकर के मिलेगा क्या
और मुस्कुराओगे तो क्या हो जाएगा
जो पल उसकी याद में गुज़ारते हो रोते हुए अगर थोड़ा खुश होकर ग़ुज़ारोगे तो क्या हो जाएगा
वैसे नहीं हूं अन्जान न अपरिचित हूं इस बात से मैं
कि ज़िन्दगी आसान की तो बात छोड़ो
रूलाने का कोई कसर नहीं छोड़ती
पर फ़िर भी उन लम्हों में तुम अग़र
हंस लोगे यूं खिलखिलाकर तो क्या हो जाएगा
गुज़रता है जो गुज़र जाने दो ना,, दो पल अधिक ग़र रोक भी लोगे तो क्या हो जाएगा
जिसे जाना है बेशक उसे जाने दो ज़िन्दगी से, ग़र
एक इंसान साथ ना ही रहे तो क्या हो जाएगा
जो नहीं है ख़ुश मात्र तुम्हारे साथ भर से
ग़र मिल जाए खुशी साथ छोड़ जाने से
तो साथ छोड़ ही दोगे तो क्या हो जाएगा
माना नहीं है आसान जीना
दिल में बसे इस धड़कन के बिना तो ग़र उसे, निकाल ही दोगे मन से तो यार् क्या हो जाएगा
कुछ नहीं होगा किसी के छोड़ जाने से,, कम
नहीं होगा इश्क़ मात्र उसके रिश्तें तोड़ जाने से
एक बात खुद को समझाकर तो देखो
मालूम है ग़मो से भरी है ज़िन्दगी ये
मालूम है मुस्कुराहट की कोई वजह नहीं है ये
पर यार एक दफ़ा खड़े हो,किसी आईने के सामने
और प्यार से उसे मुस्कुराकर देखोगे ना
तो दावा तो नहीं है पर शायद
पर शायद जीना ज़रुर आसान हो जाएगा।।
© Princess cutie

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