मालूम नहीं 🍃
मालूम नहीं
मेरा अपना कौन है,
पराया कौन है,
यहां सब के चेहरे एक जैसे हैं,
कुछ अपने होकर अपने नहीं लगते,
कुछ पराए होकर पराए आए नहीं लगते,
अनजान लोग से बन जाते हैं रिश्ते आजकल,
अपने तो साथ ही छोड़ देते हैं वक्त आने पर,
एक से ज्यादा चेहरे लिए घूमते हैं लोग आजकल,
अक्सर झूठ को सच और सच को झूठ मानते हैं लोग,
मेरा अपना कौन है,
पराया कौन है,
यहां सब के चेहरे एक जैसे हैं,
कुछ अपने होकर अपने नहीं लगते,
कुछ पराए होकर पराए आए नहीं लगते,
अनजान लोग से बन जाते हैं रिश्ते आजकल,
अपने तो साथ ही छोड़ देते हैं वक्त आने पर,
एक से ज्यादा चेहरे लिए घूमते हैं लोग आजकल,
अक्सर झूठ को सच और सच को झूठ मानते हैं लोग,