...

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आखिरी पंक्तियां
जो अगर ढूंढते आओ मुझ तक
मिलूंगा तुम्हारे लिए, वही मेरे शब्द
आओ देखते से सपने साथ - साथ
आखिरी राह तक।

आने में जरा भी ना झिझकना तुम
माना पेचीदा है गलियां, आसान भी नहीं
पर सुकून मैं ढूंढ लूंगा तुम तक।

आ रुका हूं किनारे पर इंतजार में तेरे
ये आसमान के पंछी, धड़कने मेरी बढ़ रही,
मेरा तो सफर भी तेरे साथ
मेरी मंजिल भी तुम तक।

तुम जो आओगे बस गले मैं लगा लूंगा।
करो भरोसा चलते है साथ - साथ लंबे सफर में
निभाते है एक रिश्ता आखिरी तक।

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© Pushp