शिक्षा
चाहे अंधेरा बाहरी हो
या आंतरिक,
शिक्षा वो उजाला है
जो हर अंधेरे को यूं
मिटाता है,
जैसे सूर्य हर गंदगी को
भाप में बदल देता है l
चाहे हमारे में कितनी
भी नकारात्मकता क्यों न हो,
शिक्षा वो खुश्बू है जो
हमारे भीतर की नकारात्मकता
को यूं पिघलाती है,
जैसे गुलाब का फूल पिघलाता है,
हर-एक मानव हृदय को
अपनी खुश्बू से l
चाहे हमारे अज्ञान में हमने
कितने भी पाप किये हो,
शिक्षा वो शोधक है
जो हमारे सारे पापों
का नाश ऐसे करती है
जैसे काटती है कोई
धारदार तलवार
सख्त से सख्त तत्त्व को,
और जैसे करती है माँ गंगा
शुद्ध हर-इक पापी को l
चाहे दुनिया और दुनिया की सोच
कितनी भी पिछडी क्यों न हो,
शिक्षा वो क्रांति है जो
विज्ञान...
या आंतरिक,
शिक्षा वो उजाला है
जो हर अंधेरे को यूं
मिटाता है,
जैसे सूर्य हर गंदगी को
भाप में बदल देता है l
चाहे हमारे में कितनी
भी नकारात्मकता क्यों न हो,
शिक्षा वो खुश्बू है जो
हमारे भीतर की नकारात्मकता
को यूं पिघलाती है,
जैसे गुलाब का फूल पिघलाता है,
हर-एक मानव हृदय को
अपनी खुश्बू से l
चाहे हमारे अज्ञान में हमने
कितने भी पाप किये हो,
शिक्षा वो शोधक है
जो हमारे सारे पापों
का नाश ऐसे करती है
जैसे काटती है कोई
धारदार तलवार
सख्त से सख्त तत्त्व को,
और जैसे करती है माँ गंगा
शुद्ध हर-इक पापी को l
चाहे दुनिया और दुनिया की सोच
कितनी भी पिछडी क्यों न हो,
शिक्षा वो क्रांति है जो
विज्ञान...