मित्र
स्वार्थ मे लिपटी मित्रता की भी मर्यादा होती है जैसे व्यपारियों की मित्रता , राजनीतिक मित्रता
पर आपको बता रहा हूँ
जिस मित्रता मे प्रेम समाहित हो वहाँ दो मित्र अलग नही माने जाते है।
मित्रता तबतक नही हो सकती जबतक
दोनो के बिच कोई भेद हो
ऐसे मित्र कभी नही बनाईए जिसके बारे मे आप
कुछ भी नही जानते ।
यदि एक व्यक्ति आपसे भेद रखता हो,
वो कभी भी आपका अहित कर सकता है
सच्चे...
पर आपको बता रहा हूँ
जिस मित्रता मे प्रेम समाहित हो वहाँ दो मित्र अलग नही माने जाते है।
मित्रता तबतक नही हो सकती जबतक
दोनो के बिच कोई भेद हो
ऐसे मित्र कभी नही बनाईए जिसके बारे मे आप
कुछ भी नही जानते ।
यदि एक व्यक्ति आपसे भेद रखता हो,
वो कभी भी आपका अहित कर सकता है
सच्चे...