सम्पन्न - विपन्न
// #सम्पन्नता_और_विपन्नता //
जिस जीवन में नहीं स्नेह - प्रेम की सम्पन्नता,
ह्रदय- मरुस्थल जग ना सुख जीवन विपन्नता;
धन से मात्र मनुष्य - धनवान कहला सकता,
धन से जुटे सुविधा पर जीवन सुख नहीं पाता।
दृष्टि उठा देख जग चरु दिशा सुख- सम्पन्नता,
प्रकृति तरुवर - छाया प्राप्ति सुख - निश्चलता;
हर - हर नदी सागर धरा तन बहे प्रेम निर्मलता,
प्रकृति आंचल हर रंग सुंदर...
जिस जीवन में नहीं स्नेह - प्रेम की सम्पन्नता,
ह्रदय- मरुस्थल जग ना सुख जीवन विपन्नता;
धन से मात्र मनुष्य - धनवान कहला सकता,
धन से जुटे सुविधा पर जीवन सुख नहीं पाता।
दृष्टि उठा देख जग चरु दिशा सुख- सम्पन्नता,
प्रकृति तरुवर - छाया प्राप्ति सुख - निश्चलता;
हर - हर नदी सागर धरा तन बहे प्रेम निर्मलता,
प्रकृति आंचल हर रंग सुंदर...