...

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डर
#writecopoempromts

हां, मैं डरती हूं तुम्हें खोने से,
उससे भी ज्यादा डरती हूं भरोसा खोने से ।
क्यों कि खोया हुआ शक्श मिल सकता है
आज नहीं तो कल, किसी ओर रुप में सही
पर खोया हुआ भरोसा कभी वापिस नहीं मिलता । एक बार जो मन में संदेह का बीज अंकुरित होने लगता, उसको कभी उखाड़ के फेंका नहीं जा सकता ।

#dar
#prem
#youandme
#unknownpoet
#wordsfromtheheart


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