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बोल
स्त्री हमेशा बोलती कम है
समझती ज्यादा है
जानती कम है
मानती ज्यादा
प्यार जताती कम है करती ज्यादा है
समय-समय पर अपनों का साथ देती है ज्यादा
बिन कहे तुम्हारी हर बात को समझना बखूबी है आता
समझ कर ना समझ बनना इसको है भाता
इसलिए स्त्रियों को पुरुषों से अधिक बुद्धिमान माना जाता है ।।
© Mamta
समझती ज्यादा है
जानती कम है
मानती ज्यादा
प्यार जताती कम है करती ज्यादा है
समय-समय पर अपनों का साथ देती है ज्यादा
बिन कहे तुम्हारी हर बात को समझना बखूबी है आता
समझ कर ना समझ बनना इसको है भाता
इसलिए स्त्रियों को पुरुषों से अधिक बुद्धिमान माना जाता है ।।
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