Eyes
ख्वाबों के समंदर में तेरे पीछे
रात लिए मीलो के सफ़र पर
खुदा से आस में हूं मैं
फिर से अब जो वो नज़र मिले
शाम वो ही सर्द सी हवाएं लिए
सफर ये मुक्कमल हो फिर से
पहाड़ों की सुनसान बारिश लिए
नजरो के वो सिलसिले
सफ़र वो तुझे मिलने के
शुरू हो फिर से
© point5140
रात लिए मीलो के सफ़र पर
खुदा से आस में हूं मैं
फिर से अब जो वो नज़र मिले
शाम वो ही सर्द सी हवाएं लिए
सफर ये मुक्कमल हो फिर से
पहाड़ों की सुनसान बारिश लिए
नजरो के वो सिलसिले
सफ़र वो तुझे मिलने के
शुरू हो फिर से
© point5140