सफर
उचे हे सपने मेरे
चलना अभी तक सिखा नहीं ,
मुश्किल है राह मेरी
पर ख्वाईशों का अभी तक सैलाब नहीं ,
ज़िम्मेदारियो से बंधे हे पंख मेरे
उड़ान मेरी मुमकिन नहीं ,
हर मुश्किल में संभल जाऊ
इतना अभी तक सिखा नहीं ,
आज जहां हु कल भी वही रहु
ये तो मेरी दुआ नहीं ,
पर इतनी जल्दी मैंने हार नहीं मानी
क्योंकि अभी तक मेरा सफर पूरा हुआ नहीं ।
© pain.in.pain_2211
चलना अभी तक सिखा नहीं ,
मुश्किल है राह मेरी
पर ख्वाईशों का अभी तक सैलाब नहीं ,
ज़िम्मेदारियो से बंधे हे पंख मेरे
उड़ान मेरी मुमकिन नहीं ,
हर मुश्किल में संभल जाऊ
इतना अभी तक सिखा नहीं ,
आज जहां हु कल भी वही रहु
ये तो मेरी दुआ नहीं ,
पर इतनी जल्दी मैंने हार नहीं मानी
क्योंकि अभी तक मेरा सफर पूरा हुआ नहीं ।
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