...

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सफर
उचे हे सपने मेरे
चलना अभी तक सिखा नहीं ,

मुश्किल है राह मेरी
पर ख्वाईशों का अभी तक सैलाब नहीं ,

ज़िम्मेदारियो से बंधे हे पंख मेरे
उड़ान मेरी मुमकिन नहीं ,

हर मुश्किल में संभल जाऊ
इतना अभी तक सिखा नहीं ,

आज जहां हु कल भी वही रहु
ये तो मेरी दुआ नहीं ,

पर इतनी जल्दी मैंने हार नहीं मानी
क्योंकि अभी तक मेरा सफर पूरा हुआ नहीं ।

© pain.in.pain_2211