...

20 views

तुम आओगे ना?
धङकने धङक रही है
सांस भी चल रही है
बस नहीं है तो जान
मेरी जिन्दगी मे रूह डालने आओगे ना?
तुम आओगे ना?

अर्सा हो गया है इन्तजार करते करते
शामें कट रही है तुम्हारी बाते करते करते
उम्मीद का दिया भी अब बुझने सा लगा है
रोशनी बनकर बुझती लौ को जलाने आओगे ना?
तुम आओगे ना?

हर दिन की कोशिश बेकार जा रही है
न, भूलने की ख्वाहिश रंग ला रही है!
दिल छिल रहा है, जख्म गहरे हुए जा रहे हैं
इन जख्मों को अपने हाथों से सहलाने आओगे ना?
तुम आओगे ना?
@poetinnme
© Anamika Annu