हाल अजीब है
अजीब हाल है उसका
समाज रूपी इस खाँचे में
जन्म हो गया जिसका
इस खाँचे के नीचे वाले साँचे में
जिसने उसे बचपन में ही बड़ा कर दिया
किशोर जब वह हुआ उसे बूढ़ा कर दिया
ये साँचा इतना कामगर है कि
स्वतंत्रता तुम्हारी जन्म से ही छीन लेता है
और लाद देता है कई बंधनों को
इसमें...
समाज रूपी इस खाँचे में
जन्म हो गया जिसका
इस खाँचे के नीचे वाले साँचे में
जिसने उसे बचपन में ही बड़ा कर दिया
किशोर जब वह हुआ उसे बूढ़ा कर दिया
ये साँचा इतना कामगर है कि
स्वतंत्रता तुम्हारी जन्म से ही छीन लेता है
और लाद देता है कई बंधनों को
इसमें...