...

16 views

chah रहीं hun...बस itna❤
चाह नहीं मुझे .....
तुम रोज घूमाने ले जाओ,
चाह नहीं तुम ,नित नये,
रोज उपहार ले आओ!

चाह नहीं कि मेरे लिए,
रोज मधुर तराने सुनाओ
चाह रहीं हूँ... बस इतना!

कभी मैं जो रूठ जाऊँ,
तो तुम मुझे मनाओ!
कभी मन उदास हो मेरा
थाम लो तुम हाथ मेरा,
लगाकर गले बोल दो इतना,
यू ही साथ साथ रहेगें सदा,
चाह रही हूँ.. बस इतना!!

✍ranu
© All Rights Reserved