मेरे कान्हा
मनमोहक सूरत, मनोहर अंदाज़ है जिनका
आभूषण समान, घुंघराले लटों में मोर पंख लहराए है
मनमोहन बंसी बजा मनमोह लेते है सबका
वो यशोदा के नन्द लाल कान्हा कहलाये है
नटखट चाल, मनमोहित नयन है जिनका
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड उनके नेत्रों में समाये है
मनभावन स्वादिष्ट माखन के दीवाने
वो हमारे माखनलाल श्री कृष्ण कहलाये है
श्याम सलोना मनोहर रूप है जिनका
यमुना के तट पर राधा संग रास रचाए है
यशोदा के दुलारे, वृंदावन गाँव है जिनका
छैल-छबीली राधा रानी को देख कान्हा मुस्कुराए है
गोपियों के हृदय में आवास है जिनका
वो सबके लाडले बंसी बजैया कृष्ण कन्हैया कहलाये है
समस्त संसार में प्रेम गाथा प्रसिद्ध है जिनका
वो बरसाने की राधा के संग प्रीत लगाए है
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आभूषण समान, घुंघराले लटों में मोर पंख लहराए है
मनमोहन बंसी बजा मनमोह लेते है सबका
वो यशोदा के नन्द लाल कान्हा कहलाये है
नटखट चाल, मनमोहित नयन है जिनका
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड उनके नेत्रों में समाये है
मनभावन स्वादिष्ट माखन के दीवाने
वो हमारे माखनलाल श्री कृष्ण कहलाये है
श्याम सलोना मनोहर रूप है जिनका
यमुना के तट पर राधा संग रास रचाए है
यशोदा के दुलारे, वृंदावन गाँव है जिनका
छैल-छबीली राधा रानी को देख कान्हा मुस्कुराए है
गोपियों के हृदय में आवास है जिनका
वो सबके लाडले बंसी बजैया कृष्ण कन्हैया कहलाये है
समस्त संसार में प्रेम गाथा प्रसिद्ध है जिनका
वो बरसाने की राधा के संग प्रीत लगाए है
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