शिक्षा प्रद हास्य.. 💯😁✍️ ✍️ (कविता)
बज चुके थे दस
तब आई एक बस
बस की तरफ बढ़े
बड़ी मुश्किल से चढ़े
बहुत थी भीड़ भाड़
जैसे रस्ते में हो पहाड़
घुस तो गये थे हम अन्दर
मुश्किल था लेना दम अन्दर
एक लड़की थी उसमें सुंदर
पर देख रहे थे सब बंदर
गुस्से से हमको घूर रही
शुकर खुदा का दूर रही
😜😂🤣😁😜🤣😁
वो चाहती थी पिटवाना हमें
पर लोगों से मजबूर रही
हम खुद ही ये सोच रहे
बाल जो अपने नोच रहे
क्या हममें कोई खराबी है
या चेहरा लगे शराबी है
या घमंड उसे था सूरत पर
वो...
तब आई एक बस
बस की तरफ बढ़े
बड़ी मुश्किल से चढ़े
बहुत थी भीड़ भाड़
जैसे रस्ते में हो पहाड़
घुस तो गये थे हम अन्दर
मुश्किल था लेना दम अन्दर
एक लड़की थी उसमें सुंदर
पर देख रहे थे सब बंदर
गुस्से से हमको घूर रही
शुकर खुदा का दूर रही
😜😂🤣😁😜🤣😁
वो चाहती थी पिटवाना हमें
पर लोगों से मजबूर रही
हम खुद ही ये सोच रहे
बाल जो अपने नोच रहे
क्या हममें कोई खराबी है
या चेहरा लगे शराबी है
या घमंड उसे था सूरत पर
वो...