एक कविता भारत के प्रयास के लिए
हार गए तो हार गए,
पर जज़्बा हमारा कम ना था,
विजय रथ पर थे सवार,
पर कहीं तो जाकर थमना था!
माना कि बहुत थी उम्मीदें,
विश्व विजयी बन जाने की,
पर राह कठिन होती है बहुत,
स्वर्णिम इतिहास बनाने की!
पर जीता है हर शख़्स का दिल,
रोहित, कोहली, शमी या गिल,
भारत की तेज़ गति के समक्ष,
पड़ गई थी हर टीम शिथिल!
एक हार नहीं साबित करती,
कौन अयोग्य और कौन लायक है,
मगर भाग्य की भूमि पर,
बनता बस एक ही नायक है!
फिर से शुरू होगा प्रयास,
फिर बनाएंगे राह नयी,
सन 2027 में,
भारत होगा विश्व विजयी!
भारत माता की जय 🙏🙏🙏
© Shivaay
पर जज़्बा हमारा कम ना था,
विजय रथ पर थे सवार,
पर कहीं तो जाकर थमना था!
माना कि बहुत थी उम्मीदें,
विश्व विजयी बन जाने की,
पर राह कठिन होती है बहुत,
स्वर्णिम इतिहास बनाने की!
पर जीता है हर शख़्स का दिल,
रोहित, कोहली, शमी या गिल,
भारत की तेज़ गति के समक्ष,
पड़ गई थी हर टीम शिथिल!
एक हार नहीं साबित करती,
कौन अयोग्य और कौन लायक है,
मगर भाग्य की भूमि पर,
बनता बस एक ही नायक है!
फिर से शुरू होगा प्रयास,
फिर बनाएंगे राह नयी,
सन 2027 में,
भारत होगा विश्व विजयी!
भारत माता की जय 🙏🙏🙏
© Shivaay