माँ है जिसके पास
*माँ है जिसके पास*
उसके जीने का अंदाज ही, अनोखा और निराला
उसकी तारीफ में कोई, लफ्ज नहीं मिलने वाला
न पूछी कभी भी हमसे, हमारे ही गमों की वजह
हर मुश्किल से उसने, बड़ी आसानी से निकाला
उम्मीदों का कोई फूल, उसने मुर्झाने नहीं...
उसके जीने का अंदाज ही, अनोखा और निराला
उसकी तारीफ में कोई, लफ्ज नहीं मिलने वाला
न पूछी कभी भी हमसे, हमारे ही गमों की वजह
हर मुश्किल से उसने, बड़ी आसानी से निकाला
उम्मीदों का कोई फूल, उसने मुर्झाने नहीं...