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माँ है जिसके पास
*माँ है जिसके पास*

उसके जीने का अंदाज ही, अनोखा और निराला
उसकी तारीफ में कोई, लफ्ज नहीं मिलने वाला

न पूछी कभी भी हमसे, हमारे ही गमों की वजह
हर मुश्किल से उसने, बड़ी आसानी से निकाला

उम्मीदों का कोई फूल, उसने मुर्झाने नहीं दिया
जिगर का खून देकर हमें, इस तरह उसने पाला

खुशनुमा जिन्दगी देने का, सपना आंखों में लिये
अपनी हर खुशी को उसने, कब का फूंक डाला

वो सख्स बड़ा नायाब, रखना उसको संभालकर
एक बार चला गया, तो फिर नहीं मिलने वाला

बेगरज उस रिश्ते का, साया हमारी खुशनसीबी
माँ है जिसके पास, सबसे बड़ा वो किस्मत वाला

*ऊँ शांति*

*मुकेश कुमार मोदी, बीकानेर, राजस्थान
© Bk mukesh modi

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