जज्बात की बात
एक आह हुई, नई राह हुई
दिल रो पड़ा, नब्ज़ साज हुई
कोई जान सका, कोई अनजान रहा
ये वक़्त बुरा है मन ने कहा,
कोई मान सका, कोई नादान रहा
सब मतलब से तन साथ रहे,
कोई तना रहा, कोई मान गया
सब पेट के भूखे चलते रहे,
कोई सो गया, कोई भान रहा
चंद...
दिल रो पड़ा, नब्ज़ साज हुई
कोई जान सका, कोई अनजान रहा
ये वक़्त बुरा है मन ने कहा,
कोई मान सका, कोई नादान रहा
सब मतलब से तन साथ रहे,
कोई तना रहा, कोई मान गया
सब पेट के भूखे चलते रहे,
कोई सो गया, कोई भान रहा
चंद...