॥ ये तन जीवन की वीणा ॥
ये तन जीवन की वीणा मैंने तुझको सोप दी है ।
जैसे भी जिलाए जीना
मैने तुझपे सोप दी है ।
मेरे मन मन्दिर में तेरे नाम का दीप जला है
मेरे सासों में है सरगम
धड़कने में ताल बसा है
जैसा जी चाहे बजा ले मैने लय तुझसे जोड़ दी है।
ये तन जीवन ...
मेरे होटों पे तेरे ममता का फूल खिला है ।
मेरे आंखो तेरा विश्वास और प्यार भरा है ।
तुझ बिन ना चैन कहीं ना
चित जग से तोड़ दी है ।
ये तन जीवन की ..
मुझ में ही तु रमता है मुझ से ही क्यु छुपता है
देख सता ना मुझको मुझको ये चुभता है ।
तुमसा छलिया कोई ना
मेरे दिल को चोट दी है ।
ये तन जीवन की वीणा
मैने तुझको सोप दी है ।
जैसे भी जिलाए जीना
मैंने तुझपे छोड़ दी है ।
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जैसे भी जिलाए जीना
मैने तुझपे सोप दी है ।
मेरे मन मन्दिर में तेरे नाम का दीप जला है
मेरे सासों में है सरगम
धड़कने में ताल बसा है
जैसा जी चाहे बजा ले मैने लय तुझसे जोड़ दी है।
ये तन जीवन ...
मेरे होटों पे तेरे ममता का फूल खिला है ।
मेरे आंखो तेरा विश्वास और प्यार भरा है ।
तुझ बिन ना चैन कहीं ना
चित जग से तोड़ दी है ।
ये तन जीवन की ..
मुझ में ही तु रमता है मुझ से ही क्यु छुपता है
देख सता ना मुझको मुझको ये चुभता है ।
तुमसा छलिया कोई ना
मेरे दिल को चोट दी है ।
ये तन जीवन की वीणा
मैने तुझको सोप दी है ।
जैसे भी जिलाए जीना
मैंने तुझपे छोड़ दी है ।
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