खूबसूरती पे दो शब्द
खूबसूरती पे दो शब्द कहूँ
तो खूबसूरती को ही नज़र
लग जाती है
कोई खूबसूरती बयाँ कर
अपनी रोटी सेंकता है
तो कोई अन्य रूप में
खूबसूरती बयाँ करता है
खूबसूरती के अलग अलग
मायने समझाए
दुनिया वालों ने
हमारी तो कुछ समझ न आया
खूबसूरती को क्या नाम दूँ
खूबसूरती को बयां करना
इतना आसाँ कहाँ
हर किसी को कहाँ मिलता
यहॉं आसाँ मुकाम यहाँ
खूबसूरती के खिलाफ़ ...
तो खूबसूरती को ही नज़र
लग जाती है
कोई खूबसूरती बयाँ कर
अपनी रोटी सेंकता है
तो कोई अन्य रूप में
खूबसूरती बयाँ करता है
खूबसूरती के अलग अलग
मायने समझाए
दुनिया वालों ने
हमारी तो कुछ समझ न आया
खूबसूरती को क्या नाम दूँ
खूबसूरती को बयां करना
इतना आसाँ कहाँ
हर किसी को कहाँ मिलता
यहॉं आसाँ मुकाम यहाँ
खूबसूरती के खिलाफ़ ...