...

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नन्ही सी गुड़िया
हूं मै नटखट नासमझ सी
नन्ही सी गुड़िया माँ की

बेला, गुलाब, चंपा, चमेली
है सब सखियाँ जैसी
माँ ही थी बस मेरी
अभी तक एक सहेली

कमर करधनी, कानों मै बाली
काजरारे नैना, होंठो मै लाली
पीहू की बोली, जैसे गीतों की पोटली
पैरों मै पायल, गजरारे बाल
छम, छम शोर करें ये झंकार
चुन चुन कर पीरोउ फूलों की माला


हूं मै नटखट नासमझ सी
नन्ही सी गुड़िया माँ की
चंदा की शीतल चांदनी
बड़े प्यार से नाम रखा माँ ने नंदिनी
माँ, सुला दे मुझे उस गोदी मै
चन्दन की खुश्बू समाये जिस लोरी मै








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