" बिटिया रानी "
खानदान हिल उठे कुरीतियों ने भृकुटि तानी थी
पुरुष प्रधान समाज में बेटी बनी फिर रानी थी
सता चुके बहुत अब बेटी की कीमत पहचानी थी
दूर कुरीतियों को करने की सबने मन में ठानी थी
चमक उठी नारी जो धूमिल थी वह पुरानी थी
गायत्री की बोली में हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वह तो सबकी बिटिया रानी थी
पहचान रही उसकी बेटी , भाई की बहन छबीली थी
शक्ति है नाम जिसका...
पुरुष प्रधान समाज में बेटी बनी फिर रानी थी
सता चुके बहुत अब बेटी की कीमत पहचानी थी
दूर कुरीतियों को करने की सबने मन में ठानी थी
चमक उठी नारी जो धूमिल थी वह पुरानी थी
गायत्री की बोली में हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वह तो सबकी बिटिया रानी थी
पहचान रही उसकी बेटी , भाई की बहन छबीली थी
शक्ति है नाम जिसका...