पिता......❤️
वात्सल्य भाव को जल्दी दिखाते नहीं,
हर खुशी के लिए क्या क्या कर जाते नहीं।
भावनाओं का दमन कर देते हैं,
क्या अश्रु पिता के आँख में आते नहीं।
अपने कर्तव्य का निर्वहन करते जाते हैं,
अपनी चिन्ता किए बिना
जीवन संघर्ष में बिताते यूं ही।
वो प्रेम के बादल हैं,पिता
जो धरा को यूं भिगाते हैं।...
हर खुशी के लिए क्या क्या कर जाते नहीं।
भावनाओं का दमन कर देते हैं,
क्या अश्रु पिता के आँख में आते नहीं।
अपने कर्तव्य का निर्वहन करते जाते हैं,
अपनी चिन्ता किए बिना
जीवन संघर्ष में बिताते यूं ही।
वो प्रेम के बादल हैं,पिता
जो धरा को यूं भिगाते हैं।...